(श्यामराज शर्मा) जयपुर। प्रदेश के इण्डस्ट्रियल एरिया में होटल, रेस्टोरेंट, मॉल, मेगा स्टोर, ढाबा, मार्बल प्लांट, कॉमर्शियल शोरूम और दुकान की बिल्डिंग पर अरबन डवलपमेंट (यूडी) टैक्स की वसूली को लेकर स्वायत्त शासन निदेशालय (डीएलबी) व नगर निगम आपस में ही कंफ्यूजन में है।
डीएलबी ने इण्डस्ट्रियल एरिया की डीएलसी रेट के अनुसार यूडी टैक्स वसूलने की राय दी है, वहीं नगर निगम इण्डस्ट्रियल एरिया के आसपास के इलाके की डीएलसी रेट से यूडी टैक्स वसूलने पर अड़ा हुआ है। इससे अकेले जयपुर में ही 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स अटक गया है। वहीं औद्योगिक एसोसिएशनों ने इण्डस्ट्रियल एरिया में यूडी टैक्स की वसूली को गैरकानूनी व गलत बताते हुए विरोध किया है।
रीको क्षेत्र में यूडी टैक्स की वसूली गलत, निवेश पर पड़ेगा बुरा असर :
उद्योगपतियों व व्यवसायियों का कहना है कि प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्र में सभी विकास कार्य रीको करता है तथा उद्योगपति रीको में टैक्स व शुल्क भी जमा करवाते है। रीको एरिया, मंडी क्षेत्र सहित अन्य इलाकों की डीएलसी रेट अलग से तय होती है। यहां आसपास के इलाकों से कम या ज्यादा हो सकती है। लेकिन रीको एरिया की बिल्डिंगों पर बाहरी इलाके की डीएलसी रेट को लागू नहीं किया जा सकता है।
रीको एरिया मे जब सभी विकास कार्य रीको करवाता है तो निगम की ओर से वसूला जाने वाला अरबन डवलपमेंट टैक्स गलत है। इसे हटाना चाहिए। विश्वकर्मा इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी का कहना है कि इण्डस्ट्रियल एरिया में यूडी टैक्स की वसूली गलत है।
रीको एरिया में भी आसपास के समान ही देना होगा यूडी टैक्स : निगम
नगर निगम के कमिश्नर रेवेन्यू नवीन भारद्वाज का कहना है कि इंडस्ट्रीज एरिया में जो डीएलसी है, वह सस्ती रेट पर भूखंड देने की रेट है। रीको एरिया में भी आसपास की डीएलसी के समान ही यूडी टैक्स देना होगा। इण्डस्ट्रियल एरिया में होटल, रेस्टोरेंट, माॅल, मेगा स्टोर, ढाबा से यूडी टैक्स वसूलने का आदेश डीएलबी ने दे रखा है।