22 घंटे दहशत के बाद बकरे पर लपकी भूखी तेंदुआ, शूटर ने किया ट्रंकुलाइज


उदयपुर. सिटी पैलेस के फतह प्रकाश होटल के गलियारे में रविवार रात 12 बजे से बंद मादा तेंदुए काे 22 घंटे बाद साेमवार रात 10.05 बजे पकड़ा जा सका। उसे ट्रंकुलाइज कर सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ले जाया गया है। तेंदुए काे 6-8 घंटे माॅनिटरिंग में रखने के बाद जयसमंद की तरफ जंगल में छाेड़ा गया।


इससे पहले तेंदुआ काे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम रविवार की पूरी रात और अगले पूरे दिन मशक्कत करती रही। हाेटल के गलियारे का एल आकार हाेने के कारण न ताे उसे ट्रंकुलाइज किया जा सका और न मादा तेंदुआ पिंजरे में आई। टीम दूसरी रात भी उसके पिंजरे में आने का इंतजार करती रही। तेंदुआ एक बार पिंजरे की तरफ आई भी, लेकिन गलियारे के दूसरे छाेर पर चली गई। वह दिनभर से भूखी-प्यासी थी। पिंजरे में बंधे बकरे की ओर आई कि वन विभाग के शूटर सतनाम सिंह ने ट्रंकुलाइज कर दिया। इसके बाद टीम उसे पिंजरे में रख बायोलॉजिकल पार्क ले गई।


बकरे पर रात 10 बजे जैसे ही लपकी भूखी तेंदुआ, शूटर ने कर दिया ट्रंकुलाइज


वन विभाग की टीम ने रात एक बजे ही पिंजरा लगाकर इसमें बकरा बांध दिया था। रातभर तेंदुआ न ताे पिंजरे में आया, न उसकी लोकेशन पता चल पाई। वन विभाग की टीम उसके पिंजरे में आने का इंतजार करती रही। दूसरी रात 10 बजे भूख लगने पर वह पिंजरे में बंद बकरे की ओर बढ़ी तो शूटर ने तुरंत ट्रंकुलाइज कर दिया। अनुमान है कि तेंदुआ समाेर बाग से कीकर के पेड़ पर चढ़कर पैलेस परिसर में घुसा। बता दें, दूध तलाई पर वाटर वर्क्स पंप हाउस के आसपास और समोर बाग में तेंदुए की दस्तक के मामले सामने आ चुके हैं।


गार्ड ने देखते ही बंद कर दिया गैलरी का दरवाजा, सीसीटीवी फुटेज से हुई पुष्टि, दो जगह बाल भी मिले
वन अधिकारियाें ने बताया कि फतह प्रकाश हाेटल के पास गार्ड था। रविवार रात करीब 11.30 बजे तेंदुआ फतह प्रकाश हाेटल में हाेते हुए दाहिनी तरफ चार फीट चाैड़े गलियारे में घुसा। यह देख गार्ड ने तुरंत गलियारा बंद कर दिया और अधिकारियाें काे बताया। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची। दल ने सीसीटीवी फुटेज देखे। इसमें तेंदुए का मूवमेंट नजर आया। यह वयस्क मादा थी। पुष्टि के बाद माणक चाैक की तरफ खुलने वाले गलियारे के दूसरे छाेर के दरवाजे पर पिंजरा लगाकर तेंदुए के इसमें फंसने का इंतजार शुरू किया। आखिरकार ट्रंकुलाइज करना पड़ा।


वन विभाग के अधिकारियाें ने बताया कि मादा तेंदुए के कैद में देरी से आने का सबसे बड़ा कारण गलियारे का आकार था। गलियारा एल शेप में बना हुअा है। वनकर्मी भी अगर जाए ताे तेंदुआ उस पर हमला कर सकता था। इसी कारण जिस छाेर पर पिंजरा लगा हुआ था, वहां अंधेरा किया हुआ है। तैयारी यही थी कि अगर पिंजरे में नहीं आया ताे ट्रंकुलाइज करेंगे। इसी प्लान में कामयाबी भी मिली। सीसीएफ राजकुमार ने बताया कि पकड़ी गई मादा तेंदुआ सुरक्षित है। उसे विशेषज्ञों की निगरानी में रखा है।


समाेर बाग से घुसने का अनुमान


वन अधिकारियाें ने बताया कि समाेर बाग में कई बार तेंदुए का मूवमेंट देखा गया है। तेंदुआ माछला मगरा से हाेते हुए समाेर बाग में प्रवेश करता है। इस परिसर में कई बार उसके फुट मार्क भी देखे गए हैं। समाेर बाग से ही सिटी पैलेस की दीवार सटी हुई है और एक मात्र कीकर का पेड़ है जाे दीवार काे छूता हुअा है। इसी कारण पेड़ के माध्यम से सिटी पैलेस में आने की संभावना है।



रंग निवास गेट से पर्यटकाें की आवाजाही राेकी


तेंदुए के सुबह तक कैद में नहीं अाने पर एहतियात के ताैर पर सिटी पैलेस में जाने वाले पर्यटकाें का मार्ग बदला गया। रंगनिवास की तरफ से जाने वाले पर्यटकाें काे जगदीश चाैक की तरफ भेजा। कुछ पर्यटक जाे रंग निवास दरवाजे पहुंचे थे, उनकाे बाेट एरिया में जाने दिया लेकिन फतह प्रकाश हाेटल की तरफ जाने से राेके रखा गया।


इनपुट : विपिन सोलंकी